Pregnant women gets stuck on a container, alone in the middle of the ocean

The story Pregnant women gets stuck on a container,
alone in the middle of the ocean

Pregnant women gets stuck on a container, alone in the middle of the ocean

गर्भवतीअकेली और समुद्र में बहती हुईशिपिंग कंटेनर में फंसी एक महिला एक तबाह अधिनायकवादी देश से भागने के बाद जीवित रहने की कोशिश कर रही है

यह कहानी शुरू होती है मियां और निको नाम के एक कपल से दोनों अपनी कंट्री से इल लीगल भाग रहे थे। असल में ये दोनों जिस देश में रह रहे थेवह देश काफी समय से अपने आसपास के देशों से युद्ध लड़ रहा था। जिसकी वजह से धीरे धीरे देश में खाने की कमी होने लगी थी। जिसके बाद सरकार ने बूढ़ेबच्चे और यहां तक कि प्रेग्नेंट औरतों को भी मारना शुरू कर दिया ताकि खाने की कमी को खत्म किया जा सके। इसी वजह से मिया और निको ने अपनी बच्ची को खो दिया था और अब अपनी जान बचाने के लिए ही वह दोनों लीगली उस देश से भागकर आयरलैंड की तरफ जा रहे थे।

अब इसके कुछ देर बाद उनका एजेंट उन्हें एक कंटेनर में ले जाकर बिठा देता है। असल में यह सभी कंटेनर्स शिप से होते हुए आयरलैंड जाने वाले थेउस कंटेनर में मिया और निको के साथ और भी कई लोग मौजूद थेजोकि उस देश को छोड़कर भाग रहे थे। और तब हमें पता चलता है कि मिया तो नौ महीने की प्रेग्नेंट औरत है जो कि आने वाले किसी भी दिन में एक बच्चे को जन्म दे सकती है।

अब कुछ समय बाद उनका कंटेनर ट्रक से होता हुआ पोर्ट के पास पहुंच जाता है। जहां उस कंटेनर का दरवाजा एकदम से खोल दिया जाता है। जिसके खुलते ही कई सारे लोग एकदम से उस कंटेनर में घुसने की कोशिश करते हैं और इसी भीड़ भाड़ में मिया और निको बिछड़ जाते हैं। जिसके बाद निको को मजबूरन दूसरी कंटेनर में जाना पड़ता है। अब इस घटना के बाद मिया बहुत डर जाती है।

उस कंटेनर के बंद होने के तुरंत बाद वह निको को कॉल करती है जहां निको उसे हौसला देता है कि वह हिम्मत न हारें क्योंकि एक बार शिप पर पहुंचते ही वह उसके पास चला आएगा। निको के इस दिलासे से कहीं जाकर मियां कुछ शांत होती है। इसके कुछ समय बाद मिया का कंटेनर उस पोर्ट पर पहुंचता हैजहां से उनका शिप चलने वाला था। लेकिन इससे पहले उन्हें चेकप्वाइंट से गुजरना था। जहां पुलिस उस कंटेनर की तलाशी लेने वाली थी। अब जैसे ही एक पुलिस ऑफिसर उस कंटेनर को खोलकर देखता है तो उसे वहां कोई दिखाई नहीं देता है। असल में उस कंटेनर के अंदर एक सीक्रेट कम्पार्टमेंट थाजहां वह सारे लोग छुपे हुए थे। लेकिन वह पुलिस ऑफिसर भी बहुत चालाक था और उसे पता था कि लोग उस सीक्रेट कंपार्टमेंट में छुपे हुए हैं।

इसलिए वह उन लोगों को खुद से बाहर आने की धमकी देता हैनहीं तो वह उन्हें गोली मार देने वाला था और तभी डर के मारे एक और सीक्रेट कंपार्टमेंट से बाहर आ जाती है। लेकिन इससे पहले कि वह औरत उस कंपार्टमेंट से बाहर आतीमिया वहां रखे दो बड़े बड़े बॉक्सेस के ऊपर चढ़ चुकी थी जिससे नीचे खड़े लोग उसे देख ना पाए। लेकिन उस पुलिस ऑफिसर ने उस कंपार्टमेंट के खुलते ही वहां खड़े सभी लोग चाहे बड़े हों या बच्चे सबको एक एक करके गोलियों से मार दिया। जिसके बाद उन पुलिस वालों ने एक एक करके उन सभी लोगों की लाशें उस कंटेनर से निकालकर बाहर फेंक दी। लेकिन मीया अब भी उन बॉक्सेज के ऊपर सुरक्षित थी और कुछ देर बाद वह सभी पुलिसवाले उस कंटेनर से निकल कर उसे बंद कर देते हैं और मिया अब भी डरी सहमी उस कंटेनर में ही बैठी हुई थी।

अब थोड़ी देर बाद मिया के कंटेनर को शिप पर लोड कर दिया जाता है और मिया की शिप निकल पड़ती है आयरलैंड की तरफ जहां उस कंटेनर में बैठी बैठी मिया वहां पड़े कुछ सामान को चेक करती है जहां उसे कुछ खाने का सामानड्रिल मशीन और फोन जैसी कुछ चीजें मिलती हैं। अब रात होने के बाद मिया को नींद आ जाती है और वह सो जाती है।

तभी आधी रात को मिया की एकदम से नींद खुलती है क्योंकि उसका कंटेनर जोर जोर से हिल रहा था और जैसे ही वह कंटेनर में बने छेद से बाहर देखती है तो उसे पता चलता है कि असल में उसका शिप समुद्र के बीच एक तूफान में फंसा हुआ है। लेकिन यह तूफान देखते ही देखते बड़ा होता जा रहा था और आखिर में वही होता है। जिसका डर था। वह पूरा शिप ही पलट जाता है।

जिसकी वजह से शिप पर रखे सभी कंटेनर एक के बाद एक समुंदर में गिरते जा रहे थे और जैसे ही मिया का कंटेनर पानी में गिरता है तो उसे जोर से झटका लगता है जिसकी वजह से उसके सर पर चोट लगती है और वह वहीं बेहोश हो जाती है।

अब कुछ देर बाद मिया की आंख खुलती है तब वह देखती है कि उस कंटेनर के सभी बॉक्सेस इधर उधर बिखरे पड़े हुए हैं। साथ ही उस कंटेनर में थोड़ा बहुत पानी भी घुस आया है। इसके बाद जब मिया उस कंटेनर के छेद से बाहर देखती है तो उसे चारों तरफ सिर्फ समुद्र ही दिखाई देता है। यह सब देखकर मिया बहुत डर जाती है और अपना फोन निकालकर अपने पति निको को कॉल करने की कोशिश करती है। लेकिन उसके फोन की स्क्रीन इतनी बुरी तरह से टूट चुकी थी कि उसका फोन काम ही नहीं कर पा रहा था। इतने में मिया की नजर उस कंटेनर के नीचे वाले हिस्से पर पड़ती है जहां उसे दो छेद दिखाई देते हैं जिनसे लगातार पानी अंदर आता जा रहा था और अगर जल्दी से मिया ने उनका कुछ नहीं किया तो उसका कंटेनर डूब जाएगा। इसलिए मिया एक एक करके उस कंटेनर के सभी बॉक्स खोलती जा रही थी जिनमें से किसी में प्लास्टिक बॉक्स सेकिसी में कपड़े थेकिसी में टीवी था और किसी में ईयरफोन केबल थी और किसी में शराब की बोतल भी थी।

तभी मिया को एक टेप मिलती है और वह टेप से उन दोनों छेदों को बंद कर देती है। तभी अचानक से मिया को बाहर से कुछ लोगों के चिलाने की आवाज सुनाई देती है और जैसे ही मीया बाहर देखती है तब उसे मालूम पड़ता है कि यह वह वही कंटेनर है जिसमें निक्कू ट्रैवल कर रहा था। लेकिन मीया की आंखों के सामने ही वह कंटेनर पानी में डूब जाता है। जहां मियां बार बार निको को एक दूसरे फोन से कॉल करके आगाह करने की कोशिश कर रही थीलेकिन उसका भी कोई असर नहीं हो पाता है। अब अपनी आंखों के सामने निको को मरता देख मां बिल्कुल टूट जाती है और उसके दुख का लेवल इतना बढ़ चुका था कि एक बार तो उसने अपनी जान लेने की भी सोच ली। लेकिन फिर अपने बच्चे को याद करके उसने यह खयाल अपने मन से उतार दिया। अब थक हार कर मियां उस रात वहीं सो जाती है।

अब अगली सुबह जैसे ही मिया की नींद खुलती है तो वह देखती है कि उसके कंटेनर में और भी ज्यादा पानी भर चुका है। असल में उस टेप का कुछ खास असर नहीं हुआ था इसलिए इस बार मिया उन प्लास्टिक बॉक्स से कुछ रबड़ निकालकर उन छेदों को भर देती है जिससे कंटेनर में पानी भरना बंद हो जाता है। जिसके बाद किसी तरह जुगाड़ करके मियां अंदर आए पानी को किसी और छेद के जरिए बाहर निकालने की कोशिश करती है। तभी अचानक से मिया के दूसरे फोन पर एक अननोन नंबर से कॉल आता है और यह कॉल निको का था जहां निको उसे बताता है कि वह उस शिप पर था ही नहीं। जिस शिप पर मिया का कंटेनर था। और तब कहीं जाकर मिया की जान में जान आती है।

इसके बाद मिया भी निको को बताती है कि कैसे वह समुद्र के बीचों बीच एक कंटेनर के अंदर बंद है। जिसके बाद निको मिया से वादा करता है कि वह उसे बचाने जरूर आएगा। निको का फोन रखते ही मिया को पेट में दर्द होना शुरू हो जाता है। जिसका सीधा मतलब यही था कि मिया अब किसी भी वक्त अपने बच्चे को जन्म देने वाली थी। समुद्र में आंधी तूफान आना शुरू हो जाता है और उस कंटेनर के अंदर का भी माहौल बिगड़ना शुरू हो जाता है। जहां पूरा कंटेनर तूफान के कारण जोर जोर से हिचकोले खा रहा था और साथ ही उस कंटेनर में पानी भी भरता जा रहा था और इसी माहौल के बीच मिया की बेटी नोहा पैदा होती है और मिया किसी तरह अकेले ही उस दर्द के साथ साथ अपनी बच्ची को संभालती है।

इसके बाद अगले दिन की सुबह होती है जहां हम देखते हैं कि नोहा रोना बंद ही नहीं कर रही थी। साथ ही मिया का खाना भी अब लगभग खत्म हो ही चला था और तभी मिया को यह आइडिया आता है कि क्यों ना वह ड्रिल मशीन से उस कंटेनर की छत पर एक छेद बना दे ताकि वह उस कंटेनर से बाहर निकल सके। इसके बाद मिया उस कंटेनर में ड्रिल करना शुरू कर देती है। लेकिन आधे रास्ते में मिया की ड्रिल मशीन काम करना बंद कर देती है। जिसके बाद मिया एक छोटे चाकू से उस कंटेनर को काटने की कोशिश करती है। लेकिन इतने छोटे चाकू से इतना मोटा लोहा काटते काटते मिया के हाथों में छाले तक पड़ जाते हैं। लेकिन मिया आखिरकार उस कंटेनर को काटने में कामयाब हो जाती है और जैसे ही मिया उस कंटेनर से बाहर आकर खुले आसमां के नीचे बैठती है तो उसे बहुत अच्छा लगता है क्योंकि वह कई दिनों के बाद कंटेनर से बाहर आकर खुले आसमान के नीचे बैठती है तो उसे बहुत अच्छा लगता है क्योंकि वह कई दिनों के बाद सूरज की किरणों को महसूस कर रही थी।

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जिसके बाद मियां अपनी बेटी को वहां ले जाती हैजिसके बाद वह भी रोना बंद कर देती है। तभी समुद्र में मीया को कुछ मछलियां दिखाई देती है। जिसके बाद मियां उन्हें पकड़ने की कोशिश करती है। लेकिन शुरुआत में वह एक भी मछली नहीं पकड़ पाती। उसी वक्त मियां को आसमान से एक प्लेन जाता हुआ दिखाई देता है। जिसके बाद वह टीवी की स्क्रीन तोड़कर उसे प्लेन की तरफ चमकाने की कोशिश कर रही थी। तभी लोहे की किनारे से उसकी टांग का मांस फट जाता है। जिसके बाद मियां को बहुत ज्यादा दर्द होता है और अब खून को बहने से रोकने के लिए पहले तो मियां शराब से अपने जख्म साफ करती है और उसके बाद अपने जख्म को सिल देती है जिससे मियां को बहुत दर्द होता है।

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इसके बाद मियां को एक आइडिया आता है कि क्यों ना वह उन ईयरफोन केबल से एक जाल बना लें। उन मछलियों को पकड़ने के लिए। और मियां बिल्कुल ऐसा ही करती है। अब ऐसा करते करते मियां के खाने का इंतजाम मछलियों से होता जा रहा था और पीने का इंतजाम बारिश के पानी को जमा करके मियां कर ले रही थी। साथ ही नोवा दूध के सहारे आगे बढ़ रही थी। अब ऐसे ही करते करते दिन बीतते जा रहे थे। लेकिन हर बीतते हुए दिन के साथ साथ मिया मायूस भी होती जा रही थी क्योंकि मियां को यह नहीं समझ आ रहा था कि आखिर कब तक ऐसे ही चलता रहेगा।’

तभी एक रात निया को निक्को का कॉल आता है जहां वह उसे बताता है कि वह एक शिप से उसके पास आ रहा था। लेकिन उसे पुलिस ने पकड़ लिया और पुलिस से दूर भागते वक्त उसे गोली लग गई। अब उसका इतना खून बह चुका है कि शायद वह अब बच न पाए। आखिर में वह मियां से माफी मांगता है कि वह उसे बचाने नहीं आ पाया। जाने से पहले मियां निक्को की उसकी बेटी नोहा से बात करवाती है। अब यह सुनने के बाद मियां बहुत टूट जाती हैक्योंकि उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वह करे तो क्या करेलेकिन मियां को जीना ही था। वह भी अपनी बच्ची के लिए और सही मायनों में मियां अभी तक जिंदा भी सिर्फ इसलिए ही थी क्योंकि वह अपनी बच्ची को सुरक्षित देखना चाहती थी।

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इसके बाद अगले दिन की सुबह होती है और मियां उन प्लास्टिक के बॉक्स से एक छोटी नाव बनाना शुरू कर देती है ताकि वह किसी भी बुरे हालात में नोहा को बचा सके। अब इस नाव को बनते बनते रात हो जाती है जहां रात को अचानक से अपने आप ही उस कंटेनर में पानी भरना शुरू हो जाता है। जिसके बाद मियां अपना जरूरी सामान लेने उस कंटेनर में आ जाती है जहां उसका पैर एकदम से उस कंटेनर में फंस जाता है। जिसके कुछ देर बाद वह कंटेनर भी समुद्र में डूब जाता है। उधर नोहा अपनी नाव के सहारे समुद्र की लहरों की वजह से उस कंटेनर से दूर हो जाती है। उधर कंटेनर में फसी मिया किसी तरह खुद को छुड़ा कर उस कंटेनर से बाहर निकलती है और वह सबसे पहले नोवा के पास जाती है जहां वह देखती है कि उसकी बच्ची तो ठीक है ना। अब ऐसे ही उस छोटी सी नाव के सहारे तैरते तैरते अगले दिन की सुबह हो जाती है।

लेकिन मिया की हालत बिगड़ती जा रही थी और इस तरीके से तो वह ज्यादा समय तक जिंदा नहीं रहने वाली थी। तभी वहां से गुजरते कुछ मछुआरे उस छोटी सी नाव को देख लेते हैं जिसके बाद वह लोग नोवा और उसकी मां को उस विशाल समुद्र से बाहर निकालते हैं और जैसे ही मिया को होश आता है तो वह सबसे पहले अपनी बच्ची की खबर लेती है जहां वह देखती है कि वह आखिरकार आयरलैंड पहुंच चुकी है क्योंकि वह मछुआरे आयरलैंड के ही रहने वाले थे और इस तरीके से लगभग एक महीने तक अपने हालातों से लड़ते हुए न सिर्फ मिया ने खुद की जान बचाई बल्कि अपनी बेटी की जान बचाई

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