Ram Mandir Ayodhya

Ram Mandir Ayodhya

अयोध्या का राम मंदिर, जिसने भगवान राम के भक्तों के हृदय में एक नया आदान-प्रदान किया है, एक महत्वपूर्ण सागा है। इस मंदिर की नींव 2020 में रखी गई थी, जब भगवान राम के भक्तों ने वहां एक महान मंदिर की ऊँचाइयों की शुरुआत की। यह मंदिर एक सकारात्मक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक आवस्था का प्रतीक है, जो भारतीय समृद्धि और एकता की भावना को बढ़ावा देने का कार्य कर रहा है।

Ram Mandir Ayodhya

रामचरित मानस के अनुसार श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या एक बेहद खूबसूरत शहर था। सिटी का लेआउट वेल प्लांड था। जगह जगह विशाल भवन, मंदिर और गार्डन थे। सरयू नदी के चलते पानी की कोई कमी नहीं थी। इकॉनमी भी काफी स्ट्रांग थी। दूर दूर से आए ट्रेडर्स वहां दुकानें लगाते थे। बाजार हमेशा ग्राहकों से भरा रहता था। यह शहर आर्ट, क्राफ्ट और कल्चरल एक्टिविटीज का एक प्रॉमिनेंट सेंटर था। कई विद्वान, साधु संत भी यहां बसते थे, जिस कारण एजुकेशन और स्प्रिचुअलिटी का यहां से एक स्ट्रॉन्ग कनेक्शन था। अयोध्या उस समय सच में वर्ल्ड की वन ऑफ द ग्रेटेस्ट सिटी थी।

लेकिन क्या आप विश्वास करोगे कि आज हजारों साल बाद हजारों करोड़ों रुपए लगाकर अयोध्या को उसकी खोई हुई पहचान लौटाई जा रही है। उसे एक वर्ल्ड क्लास सिटी में ट्रांसफॉर्म किया जा रहा है। अयोध्या के इस मैजिकल परिवर्तन को आइए जानते हैं।

Ram Mandir Ayodhya

अयोध्या के परिवर्तन का सबसे क्रूशियल हिस्सा है श्रीराम का मंदिर। राम मंदिर जिसके फीचर्स सुनकर कोई भी हेरान रह जाएगा। राम मंदिर को वास्तु शास्त्र के अनुसार नागरा स्टाइल में बनाया जा रहा है। मंदिर की ऊंचाई 161 फीट, चौड़ाई 250 फीट और लंबाई पूरे 380 फीट होने वाली है। मंदिर में टोटल तीन फ्लोर्स होंगे और हर फ्लोर की हाइट 20 फीट होगी। 44 गेट्स होंगे और टोटल 392 पिलर्स होंगे, जिनमें देवी देवताओं की मूर्तियां कार्य की जाएंगी। नगर स्टाइल के अकॉर्डिंग मंदिर को एक जगती यानी एक प्लैटफॉर्म पर बनाया जा रहा है। एंट्री के लिए 16 फीट चौड़ी 32 स्टेयर्स हैं। डिसेबल्ड और एल्डर्स के लिए रैम्प और लिफ्ट का भी प्रोविजन है। एंट्रेंस के ऑपोजिट साइड है गर्भगृह, जहां रामलला की मूर्ति स्थापित होगी। गर्भगृह और एंट्रेंस के बीच में पाँच मंडप होंगे। कुंडू मंडप, नृत्य मंडप और रंग मंडप एक के बाद एक होंगे और कीर्तन मंडप और प्रार्थना मंडप दोनों साइड में होंगे। मंडप बेसिकली बड़े हॉल होते हैं, जहां प्रार्थना, कीर्तन और बाकी रिचुअल्स परफॉर्म किए जाते हैं।

हर मंडप के ऊपर एक माउंटेन लाइफ स्ट्रक्चर बनेगाजिसे शिखर कहा जाता है और मंदिर का सबसे ऊंचा शिखर गर्भग्रह के ऊपर ही बनेगा। राम मंदिर के चारों तरफ टोटल 2400 फीट लंबी और 14 फीट चौड़ी एक रेक्टेंगल बाउंड्री बनेगीजिसे परकोटा कहा जाता है। परकोटा के चारों कॉर्नर्स में सूर्यदेवमां भगवती गणपति और भगवान शिव का मंदिर बनेगा। नॉर्दन साइड में मां अन्नपूर्णा का मंदिर और सदन साइड में हनुमान जी का मंदिर भी बनेगा।

राम मंदिर और बाकी का एरिया मिलाकर इस एकर्स में केवल 30 परसेंट एरिया में ही कंस्ट्रक्शन है। बाकी के 70 परसेंट एरिया में केवल पेड़ पौधे हैंजिसका मेन ऑब्जेक्टिव है। एनवायरमेंट और वॉटर कंजर्वेशन। इसी टेम्पल कॉम्पलेक्स में रामायण से जुड़े हुए कुछ प्रमुख किरदार जैसे महर्षि वाल्मीकिमहर्षि वशिष्ठमहर्षि विश्वामित्रमहर्षि अगस्त्यनिषादराजमाता शबरी और देवी अहिल्या के भी मंदिर बनाए जाएंगे।

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श्रद्धालुओं के लिए भी यहां कई फैसिलिटीज दी गई हैं। जैसे 25,000 लोगों के लिए लॉकर, फैसिलिटी, हॉस्पिटल की व्यवस्था है। नैचुरली देश और दुनिया के अलग अलग हिस्सों से लोग यहां दर्शन करने आएंगे। इसीलिए राम मंदिर ट्रस्ट ने लैंग्वेज एक्सपर्ट्स की एक टीम बनाने का फैसला लिया है, जो इंडिया की अलग अलग लैंग्वेज बोलने वाले डीओटी को असिस्ट करेगी। साथ ही साथ यह लैंग्वेज एक्सपर्ट्स फॉरेन लैंग्वेज बोलने वाले विजिटर्स को भी दर्शन करने में हेल्प करेंगे।

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यह पूरी दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मंदिर होगा और पूरी दुनिया के हिन्दूओं के लिए सबसे इंपॉर्टेंट तीर्थ स्थल भी मंदिर की ओपनिंग के बाद अयोध्या में हर दिन 3 से 5 लाख विजिटर्स के आने की उम्मीद है और इसीलिए अयोध्या में इन लोगों को पहुंचाने के लिए कमाल के इनिशिएटिव लिए गए हैं।

सबसे पहले तो 240 करोड़ ₹ लगाकर अयोध्या धाम जंक्शन रेलवे स्टेशन को बनाया गया है। इस तीन मंजिला स्टेशन में वॉशरूम, फूड प्लाजा, वेटिंग हॉल, एस्केलेटर्स और लिफ्ट जैसी सभी फैसिलिटीज अवेलेबल हैं।

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अयोध्या के ब्रैंड न्यू इंटरनैशनल एयरपोर्ट की। रेलवे स्टेशन की ही तरह एयरपोर्ट का डिजाइन भी राम मंदिर से इंस्पायर्ड है। एयरपोर्ट का नाम राम चरित मानस के क्रिएटर के नाम पर महर्षि वाल्मिकी इंटरनैशनल एयरपोर्ट रखा गया है। यह एयरपोर्ट बाहर से तो ट्रेडिशनल दिखता है, लेकिन अंदर से उतना ही मॉडर्न है। एयरपोर्ट में फाउंटेन, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, सोलर पावर प्लांट और वॉटर और सीवेज ट्रीटमेंट। जैसे मॉडर्न फीचर्स हैं। इन्हीं फीचर्स के कारण इस एयरपोर्ट को गुरिया फाइव स्टार रेटिंग फॉर एनवायर्नमेंटल सस्टेनेबिलिटी मिली है। एयरपोर्ट की खास बात यह है कि इसके इंटीरियर में लोकल आर्ट और पेंटिंग्स के थ्रू श्रीराम की लाइफ को दिखाया गया है। यहां लैंड होते ही लोगों को एहसास हो जाएगा कि वह श्रीराम की नगरी में पधार चुके हैं।

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यहाँ पर रोड इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी तेजी से काम हो रहा है। अयोध्या की नेशनल लेवल कनेक्टिविटी को इम्प्रूव करने के लिए अयोध्या जगदीशपुर NH-330 हाईवे और अयोध्या अकबरपुर बसखारी फोरलेन हाईवे बनाया जा रहा है। करीब 4 हज़ार करोड़ रुपये लगाकर अयोध्या के चारों ओर 70 किलोमीटर लंबी रिंग रोड बनाई जा रही है और अयोध्या के अंदर राम मंदिर तक कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए रामपथ, लक्ष्मण पथ, धर्म पथ, भक्ति पथ, श्रद्धा पथ और भ्रमण पथ बनाए जा रहे हैं।

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400 करोड़ के बजट के साथ एक वर्ल्ड क्लास बस स्टेशन भी बनाया जा रहा है और यूपी के कई डिस्ट्रिक्ट इन्क्लूडिंग अयोध्या में इलेक्ट्रिक बसें इंट्रोड्यूस की जानेवाली हैं।

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रेलवे, एयरवेज़ और रोडवेज के बाद अब बात करते हैं वॉटरवेज की। इन सबके अलावा अयोध्या तक पानी के रास्ते से भी पहुंच सकते हैं। 22 जनवरी को पीएम मोदी अयोध्या में यूपी की पहली और इंडिया की सेकंड वॉटर मेट्रो लॉन्च करने वाले हैं। ओपनिंग के बाद दो वॉटर मेट्रो अयोध्या टू वाराणसी ऑपरेट करेंगी। इन एयर कंडीशन वाटर मेट्रो में एक बार में 50 लोग ट्रैवल कर पाएंगे। इन वॉटर मेट्रो का ऑब्जेक्टिव है। लोगों को एक बहुत ही यूनीक ट्रैवल एक्सपीरियंस काफी अफोर्डेबल प्राइस में देना। इन सभी इनिशिएटिव से लोगों का अयोध्या तक आना और अयोध्या में कम्यूट करना काफी आसान हो जाएगा। लेकिन एक प्रॉब्लम है। ये सभी लोग अयोध्या में आखिर रहेंगे कहां? उसके लिए अयोध्या में जगह जगह टेंट सिटी बनाई जा रही हैं। कुछ टेंट सिटी का ऑब्जेक्टिव है। एक साथ हजारों लोगों को एकोमोडेशन करना काफी अफोर्डेबल प्राइसेज में तो वहीं कुछ टेंट सिटी लोगों को एक लग्जरी एक्सपीरियंस देने के लिए सेटअप की गई है।

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टेंट सिटी के साथ साथ यूपी गवर्नमेंट का अयोध्या में करीब 25 हज़ार होटेल रूम्स ऐड करने का भी प्लान है। होटल कंस्ट्रक्शन के लिए हजारों एकड़ की लैंड के ऑक्शन किए जा चुके हैं और अफोर्डेबल से लेकर फाइव स्टार होटेल चेन तक अयोध्या के टूरिस्ट बूम को देखते हुए यहां होटेल बनाना चालू कर चुके हैं। जैसे केवल ओयो ही अयोध्या में हजार होटेल रूम्स ऐड करना चाहता है। ताज ग्रुप ने दो होटल्स के लिए एग्रीमेंट साइन कर लिए हैं। मैरियट इंटरनैशनल सरोवर होटेल्स और वंदना ग्रुप ने भी अयोध्या में होटेल कंस्ट्रक्शन स्टार्ट कर दिया है और रेडिसन ने तो ऑलरेडी अपना पार्क इन होटेल खोल लिया है। फाइनली बजट ट्रैवलर्स के लिए धर्मशाला, होमस्टे और गेस्ट हाउस भी अवेलेबल किए जाएंगे।

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इंडिया के कल्चर और ट्रेडिशन को लोगों के सामने ब्यूटीफुल प्रेजेंट करना और इसकी शुरुआत अयोध्या में एंट्री करते ही हो जाएगी। अयोध्या तक जाने वाले सभी मेन हाईवेज पर ग्रैंड एंट्री गेट बनाए जा रहे हैं। टोटल छह गेट का प्लान अप्रूव कर दिया गया है और इन गेट का डिजाइन भी मंदिर से इंस्पायर्ड है, जिसे देखते ही आपको एहसास हो जाएगा कि आप इंडिया के टेम्पल टाउन में एंट्री कर रहे हैं। इन गेट का नाम भी रामायण के कैरेक्टर के ऊपर श्रीराम द्वार, लक्ष्मण द्वार, हनुमान द्वार, भरत द्वार, जटायु द्वार और गरुड़ द्वार रखा गया है।

हर गेट के पास वर्ल्ड क्लास फैसिलिटी जैसे बड़े पार्किंग लॉट्स और रेस्टोरेंट्स अवेलेबल रहेंगे। इसके बाद अयोध्या में करीब 50 एकड़ के एरिया में एक टेम्पल म्यूजियम भी बनाया जा रहा है। इस म्यूजियम का ऑब्जेक्टिव है विजिटर्स को इंडिया के सभी मेजर टेम्पल की हिस्ट्री समझाना। आखिर एक टेम्पल किसी पर्टिकुलर जगह पर ही क्यों बनाया गया? उस टेम्पल की कंस्ट्रक्शन की फिलॉसफी और मेथड क्या थी? वहां पूजा के तरीके क्या थे? ये सब यहां समझाया जाएगा। अयोध्या का एम है हर एज ग्रुप के विजिटर्स को श्रीराम की लाइफ से इंस्पायर करना। इसीलिए अयोध्या में इंडियन वर्जन ऑफ डिज्नीलैंड भी बनाया जा रहा है, जिसका नाम होगा राम लैंड।

यहां टेक्नोलॉजी का यूज करके श्रीराम की कहानियां सुनाई जाएंगी। रामायण में जिन लोकेशन का जिक्र है, उन्हें हूबहू बनाया जाएगा। अल्ट्रा मॉडर्न राइड्स, एक्सपीरियंस और एंटरटेनमेंट ऑप्शंस भी होंगे। बेसिकली यहां लोगों को एजुकेशन और एंटरटेनमेंट का ब्लेंड मिलेगा।

अयोध्या में बहने वाली सरयू नदी पर भी कई प्रॉजेक्ट्स प्लैन किए गए हैं। जैसे 300 करोड़ रुपये लगाकर सरयू रिवर फ्रंट को पूरी तरह री डेवलप किया जा रहा है। साथ में सरयू में दो सोलर पावर्ड मिनी क्रूज शिप्स भी एक्सपीरियंस की जा सकेंगी। इन वेसल्स का नाम रामायन वेसल्स होगा और यह लोगों को एक लग्जरी एक्सपीरियंस देंगी। यह क्रूज राइट गुप्तार घाट से चलेगी और राजघाट, लक्ष्मण घाट, रामघाट और लक्ष्मी घाट को कवर करने के बाद नयाघाट पे एंड होगी। बेसिकली पूरे अयोध्या की हिस्ट्री कवर करेगी। क्रूज में डिलीशियस फूड, फोक सॉन्ग और डांस और बाकी फैसिलिटीज भी मौजूद होंगी। आगे चलकर सरयू रिवर पर हाउसबोट भी प्लैन की जा रही है। अयोध्या में लोग दीपावली भी सेलिब्रेट कर पाएंगे जो नैचुरली पूरी दुनिया में यहां सबसे ग्रैंड तरीके से मनाई जाती है। जैसे 2023 की दिवाली से पहले दीपोत्सव में अराउंड 25,000 वॉलेंटियर्स ने मिलकर 51 घाटों पर अराउंड 22 लाख से भी ज्यादा दीये जलाए थे, जो अपने आप में एक गिनेस वर्ल्ड रिकॉर्ड है। इसी के साथ ग्रैंड लेजर शो ऑर्गनाइज किया गया था और एक ब्यूटीफुल ड्रोन शो भी ऑर्गनाइज किया गया था। ऐसी उम्मीद है कि आगे चलकर इन सेलिब्रेशन का स्केल और भी ज्यादा बढ़ेगा।

इसके अलावा अयोध्या को यूपी गवर्नमेंट की सेफ सिटी प्रोजेक्ट में भी शामिल किया गया है। जिसके तहत शहर में हजारों सीसीटीवी कैमरा, मॉडर्न कंट्रोल रूम, फीमेल्स की कंप्लेंट, हैंडल करने के लिए पिंक पुलिस बूथ और बसों में पैनिक बटन जैसे कई इनिशिएटिव लिए जाएंगे। फाइनली सिटी प्लैनिंग, वेस्ट मैनेजमेंट, फ्री वाईफाई और डिजिटल पेमेंट जैसे कई एरियाज में टेक्नोलॉजी का यूज करके अयोध्या को एक मॉर्डन सिटी में तब्दील किया जा रहा है।

ऑलरेडी अयोध्या में कंस्ट्रक्शन वर्कर्स, गाइड, होटल स्टाफ, ड्राइवर्स, सेक्टर के लिए हजारों जॉब्स क्रिएट हो चुकी हैं। ऑटो, टैक्सी ड्राइवर, लोकल शॉपकीपर्स और छोटे बड़े होटेल्स सभी का बिजनेस बूम हो रहा है और रियल स्टेट प्राइसेज तो 10 गुना तक बढ़ चुके हैं। अयोध्या का रिवाइवल इंडिया के लिए एक बहुत बड़ा मूवमेंट है। एक प्राउड मूमेंट है, लेकिन अयोध्या की सिग्निफिकेंट। केवल इंडिया तक सीमित नहीं रहने वाली। जब अयोध्या की हर गली, चौराहा, बिल्डिंग्स, म्यूजियम और बाकी सभी चीजें इंडिया के एंशियंट कल्चर और ट्रेडिशन की कहानी सुनाएंगी और इस तरह सुनाएगी कि पूरी दुनिया के लोग वहां खिंचे चले आएं। तो नैचुरल है कि पूरी दुनिया को इंडिया के कल्चर के बारे में पता चलेगा और जब पूरी दुनिया इंडिया के महान कल्चर को पहचानेगी तो उनके मन में इंडिया के लिए रिस्पेक्ट कई गुना बढ़ जाएगी। जिससे अल्टीमेटली वर्ल्ड ओवर इंडिया की सॉफ्ट पावर में एक पोटेंशियल ग्रोथ दिखेगी।

अयोध्या का इतिहास 
एक दिन आखेट करते करते अयोध्या पहुँच गए। थकान होने के कारण अयोध्या में सरयू नदी के किनारे एक आम के वृक्ष के नीचे वे अपनी सेना सहित आराम करने लगे। उस समय यहाँ घना जंगल हो चला था। कोई बसावट भी यहाँ नहीं थी। महाराज विक्रमादित्य को इस भूमि में कुछ चमत्कार दिखाई देने लगे। तब उन्होंने खोज आरम्भ की और पास के योगी व संतों की कृपा से उन्हें ज्ञात हुआ कि यह श्रीराम की अवध भूमि है। उन संतों के निर्देश से सम्राट ने यहाँ एक भव्य मंदिर के साथ ही कूप, सरोवर, महल आदि बनवाये। कहते हैं कि उन्होंने श्रीरामजन्मभूमि पर काले रंग के कसौटी पत्थर वाले 84 स्तंभों पर विशाल मंदिर का निर्माण करवाया था।
 
इस मंदिर की भव्यता देखते ही बनती थी। विक्रमादित्य के बाद के राजाओं ने समय समय पर इस मंदिर की देखरेख की। उन्हीं में से एक शुंग वंश के प्रथम शासक पुष्यमित्र शुंग ने भी मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था। पुष्यमित्र का एक शिलालेख अयोध्या से प्राप्त हुआ था। जिसमें उसे सेनापति कहा गया है तथा उसके द्वारा दो अश्वमेध यज्ञों के किए जाने का वर्णन है। अनेक अभिलेखों से ज्ञात होता है कि गुप्त वंशीय चन्द्रगुप्त द्वितीय के समय और तत्पश्चात काफी समय तक अयोध्या गुप्त साम्राज्य की राजधानी थी। गुप्तकालीन महाकवि कालिदास ने अयोध्या का रघुवंश में कई बार उल्लेख किया है।
 
अंतत 1527 से 28 में इस भव्य मंदिर को तोड़ दिया गया और उसकी जगह बाबरी ढांचा खड़ा किया गया। कहते हैं कि मुगल साम्राज्य के संस्थापक बाबर के एक सेनापति ने बिहार अभियान के समय अयोध्या में श्रीराम के जन्मस्थान पर स्थित प्राचीन और भव्य मंदिर को तोड़कर एक मस्जिद बनवाई थी, जो 1912 तक विद्यमान रही। बाबरनामा के अनुसार 1528 में अयोध्या पर डी डी डाव के दौरान बाबर ने मस्जिद निर्माण का आदेश दिया था। अयोध्या में बनाई गई मस्जिद में खुदे दो संदेशों से इसका संकेत भी मिलता है।
 
इसमें एक खास तौर से उल्लेखनीय है। इसका सार है जन्नत तक जिसके न्याय के चर्चे हैं। ऐसे महान शासक बाबर के आदेश पर दयालु मीर बकी ने फरिश्तों की इस जगह को मुकम्मल रूप दिया। हालांकि यह भी कहा जाता है कि अकबर और जहांगीर के शासनकाल में हिन्दुओं को यह भूमि एक चबूतरे के रूप से सौंप दी गई थी। लेकिन क्रूर शासक औरंगजेब ने अपने पूर्वज बाबर के सपने को पूरा करते हुए यहां भव्य मस्जिद का निर्माण कर उसका नाम बाबरी मस्जिद रख दिया था। लेकिन अंत में बाबरी मस्जिद का भी विध्वंस कर दिया गया और इस जमीन पर कई वर्षों तक कैसे चलता रहा? और अंत में यह जमीन हिन्दुओं को सौंप दी गई जिस पर आज श्री रामलाल का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो चुका है और 22 जनवरी को यहां पर प्राण प्रतिष्ठा भी कर दी जाएगी।
राम जन्म भूमि    – अयोध्या    – उत्तर प्रदेश   – भारत
Ram Mandir Ayodhya
|| जय श्री राम ||

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